जब घर के कुछ हिस्सों को तोड़ कर बड़ा और बेहतर बनाने की बारी आती है तो लोग ज़्यादातर इस तरह के परियोजनाओं में स्नानघर को भूल जाते हैं । लेकिन इसका यह मतलब यह नहीं है कि जब घर का नक्शा बदल रहा है तो पुराने बाथरूम को वैसे ही छोड़ दे क्योकि ऐसा करने से इस हिस्से और घर के बाकी हिस्सों में सज्जा का बहुत ज़ियादा अंतर आ जायेगा। अगर घर का नवीनीकरण कर रहे है तो उन योजनाओ में बाथरूम भी ज़रूर शामिल करें और अपने घर में आधुनिकता और सुंदरता का एक स्पर्श जोड़ें । अगर आपको बजट की चिंता है तो हमारे साथ भ्रमण करें और हमारे बाथरूम सज्जाकारो द्वारा निर्मित इन सरल सुझावों का पालन करके अपने बाथरूम क्षेत्र को फिर से जिवंत बनाये ।
अनोखे और आदित्य आकर के तत्वों को चुन कर बाथरूम की सरचना कर जो अपने स्थान पर सही है लेकिन पारम्परिक डिज़ाइन से कुछ अलग है। यहाँ दिखने वाला पत्थर का वाशबेसिन आकार और प्रकार दोनों असामन्य है और इस कारन अद्वितीय है । इस तरह के तत्वों से छोटे बाथरूम में सौंदर्य को जीवन जोड़ते हुए इसके आकर से ध्यान बाँटता है।
- यदि आपको लगता है कि यह केवल हलके प्रकाशमय रंगों से ही बाथरूम अच्छे लगते हैं तो संभव है की इस तरह के गहरे रंगो के प्रयोग आपने नहीं देखे। इस तरह के गहरे रंगो के साथ हलके रंग और पुराने क्लासिक डिज़ाइन के वाशबेसिन इत्यादि इस्तेमाल करने से बाथरूम का कायापलट हो जाता है।
इस असाधारण बाथरूम के रंग और सज्जा पर एक नज़र डालें, तो भारतीय सज्जा शैली से बिलकुल विपरीत लगेगा। दीवारों से छोटे ईंटों के चित्रों वाली टाईल्स, एक दीवार और पूरे फर्श पर चमचमाती धातु का बाथटब और उससे मिलती-जुलती नल इत्यादि। ये शाही दिखे वाला बाथरूम छोटे बजट के भीतर होते हुए भी अतिआकर्षक है, क्योकि ये पारम्परिक सज्जा से हैट कर कुछ नया प्रस्तुत कर रहा है जो सच में प्रशंसनीय है।
सिर्फ बाथरूम में फर्श अंतरिक्ष कम होने का यह मतलब नहीं की भण्डारण का स्थान भी कम होना चाहिए । दीवारों में खुले शेल्फ लगवाकर या इस बाथरूम की तरह दीवार में छिद्रों के रचना कर के भी भण्डारण क्षेत्र बना सकते हैं। पर इस तरह के क्षेत्र बनाते वक़्त यह ध्यान रहे के ये सिमित हो अन्यथा दीवार जर्जर और अजीब दिखेगा।
जिस तरह घर के अंदर कुछ पौधों के नस्लों को इस्तेमाल करने से स्वछता फैलती है उसी तरह बाथरूम में भी अशुद्ध हवा और कण को मिटने के लिए ज़रूरी है की इसी तरह के पौधों का इस्तेमाल किया जाए। इस तरह बाथरूम और हरियाली के एकीकरण से स्नान का आनंद लेते हुए ताजी हवा और रंगीन फूलो का भी मजा लेकर और प्रफुल्लित महसूस करेंगे ।
हर बाथरूम में सामान्यतः कुछ चीज़े ऐसे होती हैं जो हर जगह एक समान होती हैं इसलिए आपके घर में इसे अनोखा रूप देने के लिए नयी सज्जा शैली अपनाया जा सकता है। यहाँ पर पत्थर से उकेरा हुआ सिंक और लकड़ी के बने समकालीन शैली की कुर्सी इस बाथरूम को क्लासिक शैली में बदल कर इसके छोटे आकर को आँखों से ओझल कर देते हैं ।
साधारण हलके रंगो की दीवारों को ख़त्म करके कुछ रंगीन और सुरुचिपूर्ण टाइलें जोड़ें और वाशबेसिन के आस-पास वाले क्षेत्र में कुछ गंभीर नवीनीकरण लाएं जिससे यह सुंदर और नया लगे । पृष्ठभूमि की दीवार पर रंगीन टाइल्स के साथ एक चित्रकार की पैलेट की तरह एहसास बनाये ताकि हर दिन इस जगह को इस्तिमाल करने पर भी हर बार कुछ नया लगे !!
इस सज्जा में ज़मीन से केंद्र बिंदु हटा कर बाथरूम के दीवारों और सीलिंग पर ध्यान दिया गया है ताकि इस क्षेत्र को विस्तृत और प्रभावशाली बनाया जाए। स्थान को आकर्षक और उज्जवल बनाने के लिए सीलिंग पर चमकीले चिपकने वाले चाँद और सितारे, अथवा खिड़कियों और शेल्फ पर मोमबत्तियां या फिर सुन्दर कलात्मक पेंटिंग्स ही सही।
यदि आप अपने बाथरूम की दीवारों से खुश हैं और विश्वास करते हैं कि उन्हें आगे पुनर्निर्मित नहीं किया जा सकता है, तो अपने विचारों को फर्श स्तर पर बदलें। ये रंगीन फर्श के टाइलें बाथरूम को इतना आकर्षक बना देंगे की इसे अपना कहने में गर्व महसूस होगा।
रौशनी का संगम
बाथरूम क्षेत्र में सुंदर रोशनी को शामिल करें और अपने आईने के चारो ओर खूबसूरत फ्रेम रखकर एक नया कलाकृति बनाओ जिसमे निचे से रोशनी का प्रकाश श्रोत हो। यहां सुनहरी टाइलें और पीले रंग की रोशनी एक-दूसरे के पूरक हैं और बाथरूम को स्वर्णीम रौशनी से प्रकाशमय बनाये रखते हैं।
यदि छोटे बाथरूम में हर तरह की सज्जा करके आप थक चुके हैं तो यह प्रयास जो आपके ज़रूर काम आएगा । एक अनूठी सेटिंग खुद बनाएं जहां आप ताजा महसूस कर सकते हैं जैसे के यह विस्तृत वाशबेसिन, उत्तम दर्जे का फ्रेम दर्पण और सुन्दर वाल-पेपर जो एक सुस्त दीवार को कलात्मक बनाये । इस तरह के बाथरूम नवीनीकरण लक्ष्य
कम खर्चे में बन जाते है क्योकि सिर्फ सक्रिय कल्पना ओर रंगो की जानकारी जरूरी है।
छोटे बाथरूम को आकर्षक बनाने के कुछ और युक्तियों को जानने के लिए इस विचार पुस्तक को जरूर पढ़ें ।